साउंड सिस्टम के उपयोग के लिए साउंड लिमिटर लगा होना जरूरी
सुकमा। उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में ध्वनि प्रदूषण के रोकथाम के लिए मंगलवार को जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर हरिस. एस निर्देशानुसार संयुक्त कलेक्टर दुलीचंद बंजारे की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बताया कि लोक संबोधन प्रणाली अंतर्गत उपयोग आने वाली ध्वनि प्रणालियों में ध्वनि सीमक (साउंड लिमिटर) यंत्र लगाना …
सुकमा। उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में ध्वनि प्रदूषण के रोकथाम के लिए मंगलवार को जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर हरिस. एस निर्देशानुसार संयुक्त कलेक्टर दुलीचंद बंजारे की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बताया कि लोक संबोधन प्रणाली अंतर्गत उपयोग आने वाली ध्वनि प्रणालियों में ध्वनि सीमक (साउंड लिमिटर) यंत्र लगाना अनिवार्य रहेगा। ध्वनि सीमक यंत्र ध्वनि प्रणाली का आवश्यक हिस्सा होगा। ध्वनि सीमक यंत्र के बगैर कोई दुकानदार किराये पर ध्वनि प्रणाली वाले उपकरणों को नहीं दे सकेगा।
साथ ही खरीदी-बिक्री सहित तमाम स्थापना पर ध्वनि सीमक यंत्र लगाना जरूरी होगा। रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंतिधित रहेगा। इस दौरान जिला – पुलिस प्रशासन सहित डीजे संचालक उपस्थित थे। बैठक में उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन के लिए कहा कि सभी अनुज्ञा (अनुमति) देने वाले प्रभारी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि ध्वनि सीमक यंत्र के बिना कोई भी ध्वनि प्रणाली एवं लोक संबोधन प्रणाली शासकीय एवं गैर शासकीय कार्यक्रमों में स्थापित नहीं किये जाए एवं किराये पर भी नहीं लगाये जाएं। संबंधित एजेंसियों द्वारा सभी अनुज्ञप्तियों में इस शर्त को अनिवार्य रूप सम्मिलित किया जाए।