FDI in Space: भारत ने दुनिया भर के निवेशकों के लिए खोला अंतरिक्ष का द्वार, इन सेक्टरों में 100 पर्सेंट एफडीआई मंजूर

केंद्र सरकार ने वैश्विक निवेशकों के लिए अंतरिक्ष के दरवाजे खोल दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में स्पेस व सैटेलाइट जैसे सेक्टर के लिए विदेशी निवेश के नियमों को आसान करने का निर्णय लिया गया. अब स्पेस सेक्टर में भारत सरकार ने 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दे दी है. अंतरिक्ष में आत्मनिर्भर बनेगा भारत केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद देर रात जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि सैटेलाइट के कम्पोनेंट बनाने के लिए विदेशी कंपनियां भारत में 100 फीसदी तक निवेश कर सकती हैं. भारत सरकार स्पेस सेगमेंट के बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. इसके लिए स्ट्रेटजिक माने जाने वाले स्पेस सेक्टर में कुछ समय पहले ही प्राइवेट प्लेयर्स के लिए नियम आसान बनाए गए थे. अब एफडीआई के नियमों में बदलाव से स्पेस सेगमेंट में विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. यह कदम स्पेस व सैटेलाइट के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने में भी मददगार साबित हो सकता है. पहले हर विदेशी निवेश के लिए थी ये शर्त बयान के अनुसार, सरकार ने सैटेलाइट सब-सेक्टर को अब तीन कैटेगरीज में बांट दिया है. यह वर्गीकरण एक्टिविटीज के आधार पर किया है. सभी तीनों श्रेणियों में विदेशी निवेश के लिए अलग-अलग लिमिट तय की गई है. एफडीआई के नियमों में ताजे बदलाव से पहले स्पेस सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी गवर्नमेंट रूट के जरिए सिर्फ सैटेलाइट इस्टेब्लिश्मेंट और ऑपरेशन के मामले में थी. इससे ज्यादा निवेश के लिए मंजूरी की जरूरत नियमों में बदलाव के बाद सैटेलाइट की मैन्युफैक्चरिंग व परिचालन, सैटेलाइट डेटा प्रोडक्ट्स और ग्राउंड एंड यूजर सेगमेंट में ऑटोमैटिक रूट से 74 फीसदी तक एफडीआई की मंजूरी मिल गई है. यानी इस सेगमेंट में अब 74 फीसदी तक एफडीआई के लिए विदेशी निवेशकों को सरकार से अलग से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी. इस सीमा से अधिक यानी 74 फीसदी से ज्यादा निवेश के मामले में सरकार से मंजूरी लेने की जरूरत होगी. इन सेगमेंट में 100 फीसदी एफडीआई इसके अलावा सरकार ने लॉन्च व्हीकल और उससे जुड़े सिस्टम व सबसिस्टम और स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने या रिसीव करने के लिए बनाए जाने वाले स्पेस पोर्ट के मामले में 49 फीसदी तक एफडीआई को ऑटोमैटिक रूट से मंजूरी दी है. इन सेगमेंट में 49 फीसदी से ज्यादा एफडीआई के लिए सरकार से मंजूरी की जरूरत पड़ेगी. वहीं सैटेलाइट के कम्पोनेंट, सिस्टम व सबसिस्टम और ग्राउंड एंड यूजर सेगमेंट के लिए ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई को मंजूर कर दिया गया है. ये भी पढ़ें: हर महीने करें सिर्फ 10 हजार का निवेश, देखते-देखते करोड़पति बना देगा ये तरीका!

FDI in Space: भारत ने दुनिया भर के निवेशकों के लिए खोला अंतरिक्ष का द्वार, इन सेक्टरों में 100 पर्सेंट एफडीआई मंजूर

केंद्र सरकार ने वैश्विक निवेशकों के लिए अंतरिक्ष के दरवाजे खोल दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में स्पेस व सैटेलाइट जैसे सेक्टर के लिए विदेशी निवेश के नियमों को आसान करने का निर्णय लिया गया. अब स्पेस सेक्टर में भारत सरकार ने 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दे दी है.

अंतरिक्ष में आत्मनिर्भर बनेगा भारत

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद देर रात जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि सैटेलाइट के कम्पोनेंट बनाने के लिए विदेशी कंपनियां भारत में 100 फीसदी तक निवेश कर सकती हैं. भारत सरकार स्पेस सेगमेंट के बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. इसके लिए स्ट्रेटजिक माने जाने वाले स्पेस सेक्टर में कुछ समय पहले ही प्राइवेट प्लेयर्स के लिए नियम आसान बनाए गए थे. अब एफडीआई के नियमों में बदलाव से स्पेस सेगमेंट में विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. यह कदम स्पेस व सैटेलाइट के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने में भी मददगार साबित हो सकता है.

पहले हर विदेशी निवेश के लिए थी ये शर्त

बयान के अनुसार, सरकार ने सैटेलाइट सब-सेक्टर को अब तीन कैटेगरीज में बांट दिया है. यह वर्गीकरण एक्टिविटीज के आधार पर किया है. सभी तीनों श्रेणियों में विदेशी निवेश के लिए अलग-अलग लिमिट तय की गई है. एफडीआई के नियमों में ताजे बदलाव से पहले स्पेस सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी गवर्नमेंट रूट के जरिए सिर्फ सैटेलाइट इस्टेब्लिश्मेंट और ऑपरेशन के मामले में थी.

इससे ज्यादा निवेश के लिए मंजूरी की जरूरत

नियमों में बदलाव के बाद सैटेलाइट की मैन्युफैक्चरिंग व परिचालन, सैटेलाइट डेटा प्रोडक्ट्स और ग्राउंड एंड यूजर सेगमेंट में ऑटोमैटिक रूट से 74 फीसदी तक एफडीआई की मंजूरी मिल गई है. यानी इस सेगमेंट में अब 74 फीसदी तक एफडीआई के लिए विदेशी निवेशकों को सरकार से अलग से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी. इस सीमा से अधिक यानी 74 फीसदी से ज्यादा निवेश के मामले में सरकार से मंजूरी लेने की जरूरत होगी.

इन सेगमेंट में 100 फीसदी एफडीआई

इसके अलावा सरकार ने लॉन्च व्हीकल और उससे जुड़े सिस्टम व सबसिस्टम और स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने या रिसीव करने के लिए बनाए जाने वाले स्पेस पोर्ट के मामले में 49 फीसदी तक एफडीआई को ऑटोमैटिक रूट से मंजूरी दी है. इन सेगमेंट में 49 फीसदी से ज्यादा एफडीआई के लिए सरकार से मंजूरी की जरूरत पड़ेगी. वहीं सैटेलाइट के कम्पोनेंट, सिस्टम व सबसिस्टम और ग्राउंड एंड यूजर सेगमेंट के लिए ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई को मंजूर कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: हर महीने करें सिर्फ 10 हजार का निवेश, देखते-देखते करोड़पति बना देगा ये तरीका!