इंडियन एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट Hawk Mk-132 का एक्सीडेंट, जानें इस फाइटर जेट की 5 बड़ी बातें

Crashed Hawk Mk-132: हादसे में दोनों पायलट सुरक्षित हैं। यह एक ट्रेनिंग जेट था, जो मैक्सिमम 13565 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है।

इंडियन एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट Hawk Mk-132 का एक्सीडेंट, जानें इस फाइटर जेट की 5 बड़ी बातें

Crashed Hawk Mk-132: वेस्ट बंगाल में मंगलवार दोपहर इंडियन एयरफोर्स का एक ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया। गनीमत यह रही कि समय रहते इस एयरक्राफ्ट से दोनों पायलट सुरक्षित इजेक्ट हो गए थे। वहीं, कलाइकुंडा जिस एरिया में फाइटर ट्रेनिंग जेट गिरा वहां भी किसी के जानमाल का नुकसान नहीं है। जानकारों की मानें तो यह जबरदस्त फाइटर जेट है, जो आसमान में करीब 1028 Kmph की स्पीड तक पकड़ने में समक्ष हैं। वहीं, हवा में यह पाकिस्तानी और चीन समेत किसी भी दुश्मन देशों के फाइटर विमानों को तकरीबन 2520 Km के दायरे में डिस्ट्रॉय कर सकता है।

एयरफोर्स का ट्रेनिंग सेशन चल रहा था

जानकारी के अनुसार क्रैश हुआ ट्रेनिंग जेट Hawk Mk-132 है। दरअसल, एयरफोर्स का ट्रेनिंग सेशन चल रहा था। अभी तक की सूचना के अनुसार अचानक तकनीकी दिक्कत के चलते यह जेट अनकंट्रोल हो गया। यह हवा से तेज स्पीड में सीधे नीचे जाने लगे। लेकिन इससे पहले की यह जमीन से टकराता दोनों पायलटों ने सूझबूझ का परिचय दिया और जेट से सुरक्षित इजेक्ट हो गए। इंडियन एयरफोर्स के ईस्ट कमांड ने इस पूरे मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का निर्देश दिया है। हादसे के स्पष्ट कारणों का पता लगाया जा रहा है।

जेट को देखने पहुंचा हुजूम

हादसे के बाद कलाइकुंडा जिस जगह हादसा हुआ वहां बड़ी संख्या में लोगों का तांता लग गया। सूचना मिलने पर मौके पर फायद विभाग, एंबुलेंस और अन्य बचाव दल पहुंचा। स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल के आसपास बैरिकेडिंग कर दी है। पुलिस को भीड़ को कंट्रोल करने के लिए खास मशक्कत का सामाना करना पड़ रहा है। एयरफोर्स के अधिकारी और स्थानीय पुलिस अधिकारी मौके पर हैं।

Hawk Mk-132 में हैं यह फीचर्स

  • यह मैक्सिमम 13565 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है।
  • इसमें 30 mm की तोप, पांच शॉर्ट रेंज एयर टू एयर मिसाइल, 680 kg बम आदि हथियार फिट कर सकते हैं।
  • यह एक ट्रेनर जेट है। फिलहाल एयरफोर्स के पास ऐसे करीब 66 जेट हैं
  • इस जेट की मैक्सिमम स्पीड 1028 kmph है।
  • इसे साल 2008 में एयरफोर्स में शामिल किया गया।
  • साल 2011 से इन्हें इंडिया में ही बनाया जा रहा है। पहले यह जेट विदेशों से खरीदे जाते थे।
  • इसकी रेंज 2520 km की है।